ब्लॉग पर ट्रैफिक कैसे लाए

ब्लॉग पर ट्रेफिक कैसे लाये

नमस्कार दोस्तों जैसा कि आपने पढ़ा है ब्लॉग पर ट्रैफिक कैसे लाएं यह बात आप की वेबसाइट पर निर्भर करती है कि आपकी वेबसाइट को कितना समय हो गया है क्योंकि समय-समय पर गूगल पर आए दिन हर घंटे हर मिनट एक नई वेबसाइट कोई ना कोई व्यक्ति बनाता है तथा उसे चलाता है लेकिन बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो इस काम को सुचारू रूप से कंटिन्यू कर पाते हैं यही कारण होता है लोग ब्लॉक में जल्दबाजी कर कर एक अच्छा परिणाम मिलने से पहले ही ब्लॉगिंग को त्याग देते हैं।

गूगल पर भारत में 30 से 40 लाख से ज्यादा वेबसाइट हैं आज के वातावरण के अनुसार गूगल को किसी भी वेबसाइट को रैंक करवाने के लिए कम से कम 1 साल का समय चाहिए 1 साल से तात्पर्य है कि आपकी वेबसाइट के आर्टिकल रैंक करना चालू कर देंगे सही प्रकार से अगर आप अपने आर्टिकल बहुत ही अच्छे ढंग से लिखते हैं और लोगों की जरूरत की जानकारी डालते हैं तो आपके आर्टिकल जल्दी भी रैंक हो जाते हैं।

ब्लॉग पर ट्रेफिक कैसे लाये ?

ब्लॉग पर ट्रैफिक लाने से तात्पर्य है कि आप किस प्रकार से ट्रैफिक लाना चाहते हैं ट्रैफिक आप सोशल मीडिया द्वारा भी ला सकते हैं जिनमें फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम मीडियम और अन्य ऐसे प्लेटफार्म होते हैं जहां पर आप अपना आर्टिकल शेयर कर के  सोशल मीडिया ट्रैफिक ला सकते हैं लेकिन सवाल यह आता है कि कितना ट्रैफिक और कब आएगा, अब हम आपको बताएं गूगल को कम से कम आपकी वेबसाइट और आर्टिकल को वेरीफाई करने के लिए 8 से 9 महीने चाहिए होते हैं।

गूगल देखना चाहता है कि ब्लॉगर अपनी वेबसाइट को लेकर कितना चिंताजनक है और किस प्रकार के आर्टिकल अपनी वेबसाइट पर डालता है जिसके कारण गूगल को कम से कम 8 से 9  महीने लगते हैं आपकी वेबसाइट रैंक कराने के लिए

वैबसाइट कितने दिन मे रेंक करती है ?

हाल ही में एक बहुत ही मशहूर ब्लॉगर हैं जिनका नाम है जॉन मुलर , के अनुसार आपकी वेबसाइट को रैंक होने के लिए जो सीमित समय कोई निश्चित नहीं किया गया है।  लेकिन उनके अनुसार वेबसाइट को गूगल पर रैंक होने के लिए कम से कम 6 से 8 महीने का वक्त चाहिए ही चाहिए होता है अगर आपका ब्लॉग किसी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों से संबंध रखता है। तो आपको इसके लिए ज्यादा वक्त लग सकता है इसका यह कारण है गूगल ने हाल ही के दिनों में एक नया प्रोटोकोल अपना लॉन्च किया है उस उसके अनुसार आप कोई भी सुरक्षा संबंधी जानकारी अगर अपने ब्लॉग पर डालते हैं तो गूगल पहले उसे वेरीफाई करेगा कि आपकी आपने जो नुस्खा अपने ब्लॉग पर डाला है  वह किसी के लिए हानिकारक तो नहीं है इन्हीं सब सुरक्षा संबंधों को देखते हुए गूगल ने अपने प्रोटोकॉल में बदलाव किया है।

आर्टिक्ल कम से कम कितने शब्दो मे लिखना चाहिए?

आर्टिकल कितने शब्दों में आपका होना चाहिए यह गूगल के अंदर कोई सुचारू रूप से कहीं बताया नहीं गया है साफ शब्दों में निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का आर्टिकल लिख रहे हैं लेकिन कुछ बड़े ब्लॉगर के अनुसार अगर देखा जाए तो उनका मानना है कि कम से कम अगर आपने नया अपना ब्लॉग स्टार्ट किया है तो आपको 1000 वर्ड से लेकर 1200 तक का आर्टिकल लिखना ही होगा इसका यह कारण है कोई भी नया विजिटर आपकी वेबसाइट पर आएगा आपका आर्टिकल लिरिड करेगा वह आपकी वेबसाइट पर रुकेगा जिससे आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक भी आएगा बाउंस रेट भी आपका एक अच्छा होगा और जल्द ही आप गूगल के अंदर रेंक करने लग जाएंगे।

क्या हम खुद वैबसाइट बना सकते है ?

वेबसाइट बनाना कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं है लेकिन आप वेबसाइट किस प्रकार से बनाएंगे उस पर निर्भर करता है काफी सारे लोग जो ब्लॉगिंग में आने की सोचते हैं वह तीन से चार हजार  में अपना ब्लॉगिंग करियर शुरू करते हैं दो में ले लेते हैं और जब होस्टिंग ले लेते हैं और उनके अनुसार उनका ब्लॉक तैयार हो गया है । पर हम आपको बताना चाहेंगे ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता अगर आपने पहली बार ब्लॉगिंग की शुरुआत कर रहे हैं तो आपको एक वेब डेवलपर से बात करनी पड़ेगी या वेब डिज़ाइनर से क्योंकि अगर आपने नई शुरुआत ब्लॉगिंग के कैरियर में की है तो आपको एक ऐसी वेबसाइट चाहिए जिसको गूगल अप्रूव कर दें समय के साथ-साथ क्योंकि ऐसी लाखों वेबसाइट गूगल पर अब तक पेंडिंग पड़ी हुई हैं जिनका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है ना ही कोई आर्टिकल उनका रैंक होता कारण केवल यही है कि उनकी वेबसाइट सही प्रकार से बनी नहीं है।

गूगल एडसैन्स के लिए कब अप्लाई करे ?

दोस्तों गूगल ऐडसेंस अप्लाई करने से पहले आपको इन बातों का ध्यान रखना है, कि आप जो आर्टिकल डाल रहे हैं वह कुछ परसेंट यूनिक होना चाहिए अगर आप कही से कॉपी भी करते हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा की आपका आर्टिकल किसी और वेबसाइट के आर्टिकल से मैच ना करता हो,  वरना आपके ब्लॉग पर कॉपीराइट की समस्या आ सकती है।  जो कि बहुत ही चिंताजनक बातें हैं बात है ऐडसेंस अप्लाई करने की आपको पहले अपनी वेबसाइट को चलाना है उस पर आर्टिकल डालने हैं ट्रैफिक आए या ना आए उस बात पर निर्भर नहीं करता अगर आपकी वेबसाइट किसी अच्छे वेब डिजाइनर ने बनाई हुई है तो आप की वेबसाइट को जल्द से जल्द आप को ऐडसेंस का अप्रूवल मिल जाएगा।

गूगल ऐडसेंस कैसे मिलता है ?

दोस्तों आपको गूगल ऐडसेंस के लिए बहुत ही आसान तरीके से गूगल पर जाकर अप्लाई कर देना है, अपनी वेबसाइट के कुछ डिटेल डाल कर कैसे करना है इस बारे में आपको यूट्यूब पर हजारों वीडियो मिल जाएंगे लेकिन बात यहीं आकर खत्म नहीं होती।  बात आती है गूगल ऐडसेंस मिलता कैसे हैं दोस्तों हम आपको बताना चाहते हैं गूगल ऐडसेंस और आपकी वेबसाइट का कोई लिंक नहीं होता,  आप कैसे आर्टिकल डालते हैं उस पर निर्भर नहीं करता लेकिन जब तक आप अपनी वेबसाइट पर अच्छे आर्टिकल नहीं डालेंगे तब तक आपको गूगल का ऐडसेंस अप्रूवल मिलना मुश्किल है,  और एक कारण यह भी है कि अगर आपकी वेबसाइट पूरी तरीके से बनी हुई नहीं है तो भी आपको एड्रेस का अप्रूवल मिलने में दिक्कत आ सकती है ।

हम आपको एक ही सलाह देना चाहेंगे अगर आप ब्लॉगिंग के करियर में शुरुआत कर रहे हैं तो आप किसी अच्छे वेब डेवलपर से ही अपनी वेबसाइट को बनवाएं गूगल ऐडसेंस का काम केवल अपनी एडवर्टाइजमेंट को आप की वेबसाइट पर चलाना है जो आपकी वेबसाइट पर विजिटर आएगा उसे अपनी पसंद की एडवर्टाइजमेंट दिखेगी और वह उस पर क्लिक करेगा तो आपको उसका कुछ परसेंट हिस्सा गूगल ऐडसेंस देता है।

गूगल ऐडसेंस मिलने के बाद ये गलती कभी ना करे ?

अगर आपको गूगल ऐडसेंस का अप्रूवल मिल चुका है और आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक आना चालू हो चुका है तो आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना है, आप कभी किसी भी एडवर्टाइजमेंट को खुद क्लिक ना करें क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं या ऐसा किसी को करने के लिए कहते हैं अपने दोस्त भाई बहन किसी को भी तो आपके लिए बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।

गूगल ऐडसेंस इन चीजों पर पूरी अपनी नजर रखता है अगर आप ऐसे करते पाए गए तो आप की वेबसाइट पर गूगल ऐड लिमिट लगा देगा जिसके कारण आप की वेबसाइट पर 3 से 4 महीने के लिए यह अवधि गूगल कई बार काफी लंबे समय के लिए भी कर देता है कुछ मामलों में तो गूगल ऐडसेंस का अप्रूवल ही पूरा कैंसिल कर देता है तो आपको ध्यान रखना है यह गलती कभी ना करें बस अपनी वेबसाइट पर आर्टिकल लगातार पोस्ट करते रहें।

एसईओ क्या होता है? कौन सा एसईओ इस्तेमाल करे ?

दोस्तों एसईओ से तात्पर्य है सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन इसका काम होता है,  आपके आर्टिकल को एक अच्छे तरीके से गूगल पर डालना इसको आपको शुरुआत में समझने में थोड़ी समस्याएं आती हैं,  क्योंकि ऐसी को समझना इतना आसान काम नहीं है,  उसके बाद बात आती है कौन सा एसईओ हम इस्तेमाल कर सकते हैं दोस्तों जिस वेब डेवलपर से आप अपनी वेबसाइट बनवाएंगे उसे इस बात की जानकारी पहले ही होती है कि मार्केट में कौन सा सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन प्रचलित है वह आपको इंस्टॉल करके दे देगा आप खुद भी उसे इंस्टॉल कर सकते हैं यूट्यूब के माध्यम से। दोस्तों अगर आपने ब्लॉगिंग में अपने करियर की शुरुआत की है तो आप योस्ट एसईओ से अपनी ब्लॉगिंग की जर्नी चालू कर सकते हैं शुरुआती दिनों के लिए योस्ट एसईओ बहुत ही अच्छा विकल्प होगा।

कीवर्ड रिसर्च क्या होती है ?

कीवर्ड रिसर्च को लेकर यूट्यूब तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है कुछ लोग तो यहां तक भी दावा करते हैं कि कीवर्ड रिसर्च टूल लेने से आप जल्दी सफल ब्लॉगर बन सकते हैं,  लेकिन यह दावा उनका बिल्कुल गलत है वह केवल अपनी प्रसिद्धि और अपने चैनल को डिवेलप करने के लिए ऐसी बेफिजूल की बातें करते हैं।  और नए लोगों को गुमराह करते हैं कीवर्ड रिसर्च से तात्पर्य है कि आप जो आर्टिकल डाल रहे हैं आप कौन सा आर्टिकल किस वक्त पर डाल रहे हैं हर एक आर्टिकल आपका कीवर्ड होता है गूगल की नजरों में गूगल के अनुसार अगर आप हाल ही के दिनों में चल रहे मुद्दों पर आर्टिकल डालेंगे तो आपके आर्टिकल थोड़ा जल्दी रैंक होंगे उसका यही एक कारण है कि लोगों की रूचि हाल ही के मुद्दों में है लोग उसके बारे में ही सर्च करते हैं और उसके बारे में ही पढ़ना पसंद करते हैं।

आप अगर किसी अन्य मुद्दों पर आर्टिकल डालते हैं जो कि प्रचलित अभी नहीं है इस समय में तो उसे रैंक होने में थोड़ा समय लग जाता है,  क्योंकि भारत की जनसंख्या 136 करोड़ के लगभग है आप जो आर्टिकल डालते हैं आपका हर एक आर्टिकल किसी ना किसी के लिए जरूरतमंद होगा और वह आपके ब्लॉग पर आएगा यह काम गूगल का होता है कि आपके आर्टिकल को कहां रैंक किस देश और किस राज्य में लोगों को दिखाना है जो कोई आपके आर्टिकल से संबंधित जानकारी गूगल पर डालेगा गूगल आपके आर्टिकल को सबसे पहले आगे रखकर उनको दिखाएगा अगर उनकी जानकारी आपके आर्टिकल से संबंध रखती है तो।

सफल ब्लॉगर बनने का मूल मंत्र

अगर आप अपने जीवन में एक सफल ब्लॉगर बनना चाहते हैं, तो आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखते हुए अपने आर्टिकल डालने होते हैं और अपनी वेबसाइट पर हफ्ते में कम से कम 5 से 6 आर्टिकल डालने ही होंगे जिसके कारण गूगल आप की वेबसाइट को जल्दी से जल्दी कैप्चर करके अपने सर्च इंजन पर रैंक करा देगा इसका यह कारण होगा कि गूगल आपकी मेहनत के अनुसार आपकी वेबसाइट को रैंक करा देता है , आपकी वेबसाइट पर जितने आर्टिकल होंगे अगर सब आर्टिकल काम के होंगे तो आपके सारे आर्टिकल जल्दी से जल्दी गूगल पर रैंक करना शुरू कर देंगे।

आप को शुरुआती दिनों में इन बातों का ध्यान रखना है कि आपको एक से डेढ़ साल तक अपनी वेबसाइट पर लगातार आर्टिकल पोस्ट करने हैं एक मशहूर ब्लॉगर श्री संजय शरण जी के अनुसार अगर आप अपनी वेबसाइट पर लगातार एक से डेढ़ साल तक आर्टिकल पोस्ट करते रहेंगे तो गूगल आपकी वेबसाइट को जल्द ही कैप्चर कर लेगा और ऑर्गेनिक ट्रैफिक आना शुरू हो जाएगा।

ओर्गेनिक ट्रेफिक कितने दिनो मे आना शुरू होता है ?

ऑर्गेनिक ट्रैफिक से तात्पर्य है कि आप की वेबसाइट पर वह लोग आ रहे हैं जो लोग जानकारी गूगल पर ढूंढ रहे हैं और आपने उनकी जानकारी से संबंधित आर्टिकल लिखे हुए हैं इसे ऑर्गेनिक ट्रैफिक कहते हैं गूगल की नजरों में ऑर्गेनिक ट्रैफिक आना बहुत ही जरूरी है तभी आपकी वेबसाइट कामयाब हो पाएगी ऑर्गेनिक ट्रैफिक प्राप्त करने के लिए आपको लंबे समय का भी इंतजार करना पड़ जाता है।

निष्कर्ष :-

अगर आप ब्लॉगिंग शुरू करने की सोच रहे हैं और आपको अपनी वेब साइट बनवानी है या ब्लॉक बनवाना है तो आप किसी वेब डिजाइनर्स से ही बात करें थोड़ा खर्चा होगा लेकिन आपके लिए ही फायदेमंद होगा क्योंकि आगे जाकर आपको किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा आपको गूगल ऐडसेंस का अप्रूवल आसानी से मिल जाएगा।

आपको इन बातों का खासतौर पर ध्यान रखना होगा कि आप जो अपनी वेबसाइट पर आर्टिकल डालेंगे वह कहीं से कॉपी पेस्ट किए हुए ना हो अगर ऐसा हुआ तो आपके आर्टिकल गूगल पर रैंक नहीं कर पाएंगे।

कीवर्ड रिसर्च जैसी बेफिजूल की बातों में ना आए आपका जिस में इंटरेस्ट है उसी में अपने आर्टिकल बनाते रहे और गूगल पर डालते रहे क्योंकि बहुत से यूट्यूब पर प्रसिद्धि पाने के लिए लोगों को गलत राह दिखाते हैं जहां पर चलकर शुरुआती ब्लॉगर आज सफल हो जाते हैं।

हफ्ते में कम से कम आपको दस आर्टिकल डालने हैं अब वह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार से डालेंगे और कैसे डालेंगे पर याद रहे आपके आर्टिकल कम से कम 1000 से 1200 शब्दों के बीच लिखे होने चाहिए उसका यह कारण है जो विजिटर आपकी वेबसाइट पर आएगा आपका ब्लॉग पड़ेगा और आपकी वेबसाइट पर रुकेगा जिससे आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट अच्छा होगा और गूगल में रेंक करने की आसार आप के बढ़ते जाएंगे।