What is Fascism and Where did it Rise in Hindi

फासीवाद क्या है ? और इसका उदय कहा से हुआ ?

फासीवाद के बारे में सिद्धांतों के तौर पर मान्यताओं को सही प्रकार से बताना सरल नहीं है इसका अपना कोई एक दर्शन मार्ग नहीं है। फांसी वाद सिद्धांत फासीवाद आंदोलन के साधारणीकरण से बना था . मूल रूप से यह एक ऐसा आंदोलन था । जिसमें पहले विश्व युद्ध के बाद के कुछ सालों में इटली और जर्मनी के आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों की रोशनी में समझा जा सकता है।

इटली के अंदर फासीवाद का जन्म साल 1920 के दशक में हुआ और जर्मनी में 1930 के दौरान इसके बाद में जापान और लातिनी अमरीकी देशों में भी फासीवाद का शासन दिखाई देने लगा पर इटली और और जर्मनी के युद्ध काल के वर्क फासीवाद शासन के अच्छे उदाहरण समझे जाते हैं इसलिए फासीवाद की जो भी विशेषताएं बताई जाती है वह इन दोनों देशों के अनुभव पर ही आधारित है तथा उसके प्रमाण के आधार पर बताई जाती हैं

फासीवाद का उदय क्यू और कहा से ?

फासीवाद बहुत ही कम समय के लिए समाज में आया पर जरूरी सवाल किया है कि इसकी कौन सी स्थितियां रही थी जिन्होंने इटली और जर्मनी में फासीवाद को जन्म दिया इटली और जर्मनी में राष्ट्रीय अपमान था और निराशा के कारण फासीवाद आंदोलन का जन्म हुआ साल 1919 की वार सेल शांति समझौते से इटली और जर्मनी में बहुत ही असंतोष फैला इसने इटली और जर्मनी में गृह देश भक्ति तथा फासीवाद से जन्म एक कट्टर देशभक्त और नेता जिनके अभिमान को ठेस लग चुकी थी उन लोगों ने इसका बहुत ही चालाकी से फायदा उठाया श्रेष्ठता और शक्ति के विचार पर उन्होंने काफी हद तक जोर दिया इस प्रकार देश भक्ति और आक्रामक राष्ट्रवाद ने फांसी बाद को वैचारिक आधार दिया जो कि एक अन्याय पूर्ण शांति समझौते के बाद बहुत ही जरूरी हो गया था।

राजनीतिक शब्दो के अनुसार फासीवाद इटली की संसदीय संस्थाओं के भंग हो जाने का परिणाम था। पहले विश्व युद्ध से पूर्व परंपरागत राजनीतिक दल अभिजात थे पर युद्ध के दौरान और उसके जनाधार वाले दल के रूप में उभरे युद्ध के बाद पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में मतभेद बनाने के लिए जनसमर्थन हासिल करने में परंपरागत राजनीतिक दलों ने एक आधार वाले दलों से निपटने में मैं काफी असफल रहने के कारण फासीवाद का उदय हुआ यहां तक कि लोगों में धार्मिक विचार धाराओं के आधार पर एक दूसरे में फूट डालने के कारण समाजवादी नेता को जोरदार शिकस्त नहीं दे पाए।

साल 1929-1933 के दौरान इटली और जर्मनी

साल 1929 वह साल 1933 आर्थिक मंदी ने पूंजीवाद व्यवस्था की असफलता को दर्शाया और कुल मिलाकर इस की कमजोरियों को उजागर कर दिया इटली और जर्मनी दोनों ही आर्थिक आप सफलताओं और विफलताओं से जूझ रहे थे फासीवाद के उदय के समय दोनों ही राष्ट्रीय इटली और जर्मनी अपनी समस्याओं से निपटने में पूरी तरह असमर्थ दिखाई पड़ रहे थे यह समस्याएं थी, तेज़ी से नीचे जाती मुद्रास्फीति यानी पैसे का गिरना,  बेरोजगारी और पहले विश्व युद्ध के दौरान तथा युद्ध से पहले व्यवस्था पूरी तरह बिखर चुकी थी ।  गहरे आर्थिक और सामाजिक उथल-पुथल के के कारण समाज में औद्योगिक तथा अन्य प्रकार की अव्यवस्था और असंतोष फैला हुआ था सरकार और शासक वर्गों की प्रतिक्रिया का इन लहराते संकटों से कोई भी मेल नहीं खा रहा था।

समाजवादी क्रांति या उन जगह पर ज्यादा हुई जहां पूरी तरह लोकतांत्रिक समाज का गठन था। रूस तथा चीन आदि और जो सैनिक कुलीन तंत्र और वार्ड का शासन था यानी चीन और रोज का इसके विपरीत फासीवाद का उदय इटली और जर्मनी में हुआ यह दोनों देश कुछ सीमा तक लोकतांत्रिक थे इसलिए ऐसा लगता था कि पूर्व लोकतांत्रिक समाज में फासीवाद के जन्म की कम गुंजाइश रहती है।

फासीवाद और औधोगिक विकास के बीच संबंध

समाजवादी क्रांति उन समाज में हुई जहां पूर्व पूंजीवादी समिति अथवा अर्ध सामंती उत्पादन संबंध बन चुके थे इसके ठीक विपरीत फासीवाद का जन्म एक ऐसे समाज की ओर हुआ जिनका कुछ हद तक औद्योगिक करण हो चुका था और जहां एक स्तर तक पहुंची वाद का विकास और कुछ मात्रा में औद्योगिक कुशलता और संसाधन फासीवाद के लिए आवश्यक होते थे फासीवाद के अंकुरण और जन्म के लिए औद्योगिक विकास एक उपजाऊ जमीन प्रदान करता है क्योंकि ऐसे समाज में जल्दी-जल्दी आर्थिक अव्यवस्था आती रहती हैं और फासीवाद इन अव्यवस्था को हल करने का एक निश्चित मार्ग दिखाता है प्रौद्योगिकी रूप से विकसित हो रहे समाज की विफलताओ को बल प्रयोग से हल करने का प्रयास करता है।