Why Farmers are Protesting

किसान आंदोलन क्यू कर रहा है ?

Why Farmers are Protesting भारत सरकार ने द्वारा जून 2020 मई 3 कृषि कानून लाने का फेसला लिया , भारत सरकार के अनुसार ये कानून किसानो की रोज़मर्रा की जिंदगी मैं सुधार लाएगे तथा किसानो को अपनी इच्छा अनुसार अपनी फसल को अच्छे दाम पर बेकने मैं आसानी होगी ।

 Why Farmers are Protesting

तीनों कृषि कानून का नाम क्या है ?

1 आवश्यक वस्तु अधिनियम
2 मूल्य आश्वशन पर बंदोबस्त ओर सुरक्षा समझोता
3 कृषि उत्पाद व्यापार ऑर वाणीज्य

आवशयक वस्तु अधिनियम क्या है ?

इस कानून के अंदर सरकार ने किसानो तथा व्यापारियो को भंडारण की अनुमति प्रदान की है साल 1955 मैं भारत सरकार द्वारा इस कानून पर रोक लगा दी गयी थी तथा भंडारण करने करने वालो को दोषी माना जाएगा तथा दंड के भोगी होगे ।


आवशयक वस्तु अधिनियम की जरूरत क्यू पड़ती है ?

इस कानून के अंतर्ग्र्त किसान व बड़े व्यापारी अब भंडारण कर सकते है , लेकिन भंडारण की अनुमति केवल किसी आपदा तथा युद्ध मैं भंडरण की अनुमति नहीं है। किसान भी इस कानून मैं अब अपनी फसल का भंडारण कर सकते है तथा अपने मन चाहे मूल्य पर किसी भी व्यापारी को बेक सकता है।

मूल्य आश्वशन पर बंदोबस्त ओर सुरक्षा समझोता

इस कानून के अंदर सरकार किसानो की अनुबंध कृषि तथा सुरक्षा प्रदान करने की बात कही गयी है । किसान अब अपनी फसल बोने से पहले ही अपनी फसल का दाम किसी भी मंडी तथा किसी भी बड़े व्यापारी के साथ अनुबंध मूल्य तय कर सकता है ।इस कानून के अंदर सरकार ने अब किसानो को आजादी प्रदान की है अपनी फसल को अपने अनुसार मूल्य तथा जगह पर बेक सकता है ।


मूल्य अश्वशन क्या है ?

मूल्य आश्वशन के अंदर बड़े व्यापारी जिन्हे बड़े पेमाने पर गेहु , चावल , तथा अन्य प्रकार की फसल चाहिए होती है , अब वह सीधा किसानो से संपर्क कर सकेगे तथा किसान ओर व्यापारी एक दूसरे की सहमति से मूल्य का मोल भाव भी कर सकेगे ।


सुरक्षा समझोता क्या है ?

भारत सरकार ने सुरक्षा समझोता मंडी के अधिकारियों को दिया है। अगर किसी भी प्रकार की समस्या किसानो तथा व्यापारियो को एक दूसरे के बीच कुछ विवाद होगा तो उसे मंडी के अधिकारियों के अंतरग्रत सुलझाया जाएगा ।

कृषि उत्पाद व्यापार ओर वाणिज्य क्या है ?

इस कानून के अंदर भारत सरकार ने किसानो को पूर्ण आजादी प्रदान का मकसद है , इसमे किसान अपनी फसल को सीधा व्यापारी को बेक सकता है , तथा मंडी के अंदर भी किसानो को पूरी आज़ादी रहेगी वह अपनी फसल को कहा ओर केसे बेकना चाहते है ।

व्यापार करने के लिए किसान अब इस कानून के अनुसार अब अपना राज्य छोड़ के किसी अनेक राज्य के व्यापारी तथा मंडी मैं सीधा जाके अपनी फसल को अच्छे दामो पर बेक सकता है साथ ही वह अपनी फसल को किसी ऑनलाइन तरीके का प्रयास करके भी बेक सकता है ।भारत सरकार के अनुसार इस कानून के आने की वजहे से मंडी के बीच जो अड़ती तथा बिचोलियों का खात्मा हो जाएगा तथा किसान पूरी तरह से आजाद हो जाएगा।

न्यनतम समर्थन मूल्य क्या है ? what is the MSP ?

इस प्रक्रिया के अंतर्ग्र्त देश की सरकार अपने देश के किसानो की फसल का एक सही मूल्य तय करती है ओर किसानो को आश्वशन देती है की हम आपकी फसल एक निश्चित मूल्य पर आपसे खरीदेगे। जेसा की मूल्य आश्वशन पर बंदोबस्त ओर सुरक्षा समझोता कानून के अंतर्ग्र्त बाहरी फर्म्स के साथ एक अनुबंध मूल्य तय करती है।

किसान विद्रोह क्यू कर रहा है ? तथा उनकी मांग क्या है ?

किसानो का आंदोलन का मुख्य कारण यह है की किसान चाहता है की भारत सरकार न्यनतम समर्थन मूल्य पर किसानो को कानून प्रदान करे की , सरकार तथा कोई भी अनेक बाहरी व्यापारी एक तय मूल्य से नीचे किसान की फसल को नहीं खरीद पाएगा । तथा अगर कोई व्यापारी ऐसा करता पाया गया तो वह दंड का भोगी होगा ।

किसानो का कहना है अनुबंध कानून के अंदर कुछ संशोधन होने चाहिए ।

किसानो के अनुसार अनुबंध कानून के अंदर से जो अधिकार सरकार ने मंडी के अधिकारियों को दिये है , वह कानून या तो सरकार के पास रहे तथा किसानों की मुखिया को वह सब शक्ति प्रदान की जाये ।अनुबंध कृषि कानून के अंदर किसानो का कहना है की अगर कोई व्यापारी एक मूल्य तय कर उसकी फसल को लेने का अनुबंध करता है किसान के साथ तथा बाद मैं मना कर देता है , या किसी आपदा की वजहे से व्यापारी की फर्म बंद हो जाती है या वह भाग जाता है तो उसकी फसल को जो नुकसान होगा उसका जिम्मेदार कौन होगा ।