केबल टेलीविज़न नेटवर्क संशोधन नियम 2021

17 जून 2021 को भारत सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क संशोधन अधिनियम 1995 का 7 की धारा 22 को इस्तेमाल करते हुए तथा शक्तियों का प्रयोग करते हुए केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 का इन दोनों को इस्तेमाल करते हुए केंद्रीय सरकार ने ‘केबल टेलीविजन नेटवर्क’ में संशोधन किए हैं। यह जो संशोधन किए गए हैं केंद्र सरकार ने इन्हें नाम बदलकर नियमों का संक्षिप्त नाम ‘केबल टेलीविजन नेटवर्क संशोधन नियम कहलाएगा

क्या बदलाव किए गए हैं।

नए टेलीविजन नेटवर्क के अनुसार अब केंद्रीय सरकार के लिए यह समाधान आसान हो जाता है कि किसी भी चैनल का कोई भी कार्यक्रम प्रोग्राम कोड के अनुरूप अब मान्य नहीं रह जाएगा केबल ऑपरेटर को सुनवाई का अवसर देने के बाद और उसको लिखित रूप में आदेश देकर अधिनियम की धारा 20 के उपबंध के अनुसार ऐसी किसी भी चैनल या कार्यक्रम के प्रसारण को केंद्र सरकार अपनी मनमर्जी के अनुसार केबल ऑपरेटर के चैनलों का प्रसारण बंद कर सकती है.

केंद्र सरकार के अनुसार अब केंद्र सरकार के पास कुछ इस प्रकार की शक्तियां प्रदान हो गई हैं कि किसी भी चैनल का कोई भी विज्ञापन संहिता के अनुरूप नहीं है तो वह केबल ऑपरेटर को सुनवाई का अवसर देने के बाद और लिखित आदेश तक पहुंचा कर अधिनियम की धारा 20 के अनुसार ऐसे किसी भी चैनल कार्यक्रम को बंद कर सकती है.

शिकायत संरचना

केंद्र सरकार ने नए केबल टेलीविजन नेटवर्क के अनुसार संरचनाओं का निर्माण किया है जो कि कोई भी प्रसारक अगर किसी भी प्रकार का कानून उल्लंघन करता है तथा अपने कार्यक्रम के माध्यम से किसी प्रकार का अनैतिक विज्ञापन या कानूनों का अनुपालन करता है तो उसकी जांच कराने के लिए सरकार ने 3 संरचनाओं का निर्माण किया है.

पहली रचना का नाम है प्रसारको द्वारा स्वविनियमन,( A self-regulation by broadcasters;) तथा दूसरा जो निवारण बनाया गया है प्रसारको द्वारा अगर कोई भी इसका उल्लंघन करता है तो, प्रसारको के स्वयं नियामक निकायों द्वारा विनियमन (Self-regulation by the self-regulating bodies of the broadcasters), तथा तीसरा जो नियम सरकार द्वारा बनाया गया है उसको नाम दिया गया है ‘केंद्रीय सरकार द्वारा निरीक्षण'(Oversight mechanism by the Central Government) तंत्र आधार केंद्र सरकार भी अब टीवी प्रसारको में शामिल होगी तथा अपनी प्रकार से जांच करें.

शिकायत दर्ज करवाना तथा कानूनी रूप से कार्यवाही करने का अधिकार

इस कानून के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्यक्रम के भीतर किसी भी प्रकार का कुछ अनैतिक व्यवहार देखता है तथा किसी भी प्रकार का विज्ञापन जो समाज को ध्रुवीकरण की ओर लेकर जाता है तथा समाज के लिए नुकसानदायक है तो इस कानून के अनुसार अब प्रत्येक व्यक्ति कानूनी रूप से उस पर कार्यवाही करने का अधिकार अब उसे मिल जाएगा.

इस कानून के भीतर अगर किसी व्यक्ति को कोई ऐसा विज्ञापन जो कि भारतीय विज्ञापन द्वारा दिखाया जा रहा है तथा अथवा सामाजिक तौर पर सही नहीं है तो प्रत्येक व्यक्ति उस विज्ञापन की शिकायत भारतीय विज्ञान मानव परिषद द्वारा निर्धारित विज्ञापन संहिता में दर्ज करा सकता है तथा उसी के अनुसार उसकी शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी तथा कानूनी रूप से यह जांच निष्पक्ष होगी. और जो शिकायत व्यक्ति द्वारा की जाएगी भारतीय विज्ञापन मानक परिषद में शिकायत प्राप्त होने के 2 महीने के भीतर उस पर फैसला लेना अनिवार्य होगा तथा जो शिकायत जिस प्रसारक के खिलाफ दर्ज की जाएगी उसे भी 60 दिन के भीतर इसकी जानकारी दी जाएगी तथा उसे सूचित किया जाएगा.

शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर हर प्रसारक के पास उसकी शिकायत के उसके पास 24 घंटे के भीतर पहुंचा दी जाएगी तथा उस प्रसारक को उस सूचना को कानूनी रूप से देखना होगा और उसके ऊपर विचार करना होगा.

प्रसारक पर कार्यवाही कैसे की जाएगी अगर वह कानूनी रूप से गलत पाया गया

प्रसारक ऐसी शिकायत मिलने के बाद 2 हफ्तों के भीतर शिकायत का निपटारा करेगा तथा शिकायत कर्ताओं को अपने अनुसार जो उसने निर्णय लिया है उसकी सूचना पहुंचाएगा। अगर शिकायतकर्ता को 15 दिन की अवधि के भीतर प्रसारक का जो फैसला लिया गया है अगर शिकायतकर्ता उससे संतुष्ट नहीं है तो, शिकायतकर्ता फिर से 15 दिन के अंदर उस प्रसार के खिलाफ शिकायत की अपील फिर से दर्ज करा सकता है

दूसरी बार जब शिकायतकर्ता प्रसारक के विरुद्ध शिकायत दर्ज करा देगा तथा प्रसारक को 60 दिन उस अपील का निपटारा करना ही होगा और शिकायतकर्ता को उसकी संतुष्टि के अनुसार उसकी शिकायत का हल देना होगा तथा 60 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद प्रसारक उस सूचना का निपटारा 15 दिन में करना होगा कानूनी रूप से.

प्रसारक खुद के द्वारा बनाए गए नियम लागू करने होंगे

अगर कोई शिकायतकर्ता प्रसारको के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है, प्रसारक उन शिकायतों पर अपने अधिकारी को नियुक्त करेगा तथा शिकायतकर्ता की शिकायतों का सही रूप से निवारण करेगा।
प्रसारको को अब अपनी वेबसाइट पर इस प्रकार की एक सूचना डालनी होगी कि अगर किसी को उनके विरुद्ध शिकायत दर्ज करता है , तथा उन्हें उनके उनके द्वारा दिखाए गए चित्रण में किसी प्रकार का अवगुण पाया जाता है तो, प्रसारको को अपनी वेबसाइट के अंदर एक फोरम को डालना होगा जो कि शिकायतकर्ता उस लिंक के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सके तथा अपने अधिकारी का नाम भी उन्हें अपनी वेबसाइट पर डालना होगा तथा यह अधिकारी आपकी शिकायत पर आप से संपर्क करेगा।

प्रसारको द्वारा जो अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे उन्हें इन बातों का ध्यान रखना होगा कि अगर कोई शिकायतकर्ता उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज करता है तो उन्हें उस शिकायत का निवारण 15 दिन के भीतर करना होगा तथा निवारण करने के बाद शिकायतकर्ता को उस सूचित भी करना अनिवार्य होगा। प्रसारको द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारियों की जांच प्रसारक को करनी होगी कि उसने जो अधिकारी नियुक्त किए हैं वह सही रूप से तथा समय अवधि पर अपने काम को कर रहे हैं या नहीं।

प्रसारक के स्वविनियामक निकाय द्वारा स्वयं विनियमन।

प्रसारक या इसके संगम ओ द्वारा गठित एक स्वतंत्र निकाय होने के नाते से यहां प्रसारक के एक या एक से ज्यादा स्वयं विनियामक निकाय हो सकते हैं। लेकिन कुछ शर्तों के अनुसार प्रत्येक प्रसारक ऐसा स्वयं विनियामक निकाय न्यूनतम 40 प्रसारको द्वारा गठित किया गया हो।

उप नियम क्या क्या है।

प्रत्येक स्वयं विनियामक निकाय की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय उच्च न्यायालय के सेनावर्ती न्यायाधीश या मीडिया, प्रसारण, मनोरंजन, बाल अधिकार, मानव अधिकार, या ऐसे अनेक सुसंगत क्षेत्रों के स्वतंत्र द्वारा की जाएगी और मीडिया, प्रसारण, मनोरंजन, बाल अधिकार तथा मानव अधिकार और इसी प्रकार के क्षेत्रों में स्वतंत्र विशेषज्ञ होने के नाते बाकी सदस्य अधिक 6 से अधिक नहीं होंगे।

प्रसारको को किन नियमों का पालन करना होगा

प्रसारक को अपने संशोधन के अनुसार अपने किसी भी कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का प्रसार सरकार के अनुपालन तथागत गठबंधन की देखरेख में करना होगा चाहे वह किसी कार्यक्रम संहिता तथा विज्ञापन संहिता में जुड़ा हुआ हो। तथा अगर सरकार को प्रसारक के कार्यक्रम में किसी प्रकार का अनैतिक व्यवहार दिखता है तो सरकारी गठित समिति , प्रसारक को सही दिशा दिखाएगी तथा उसे उसी के अनुसार प्रसार करना होगा अपने कार्यक्रमों का।

अगर प्रसारक पर किसी ने शिकायत की है तो प्रसारक को उस शिकायत को 15 दिन निपटाना होगा अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसके विरुद्ध शिकायत करता कानूनी रूप से याचिका दायर कर सकता है तथा उस पर सुनवाई के लिए बाध्य होगा, प्रसारक को अपने कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उप नियम 5 में दिए गए विवरण सहित प्रसारक को ऐसे दिशा निर्देश जारी करने होंगे। स्वयं विनियामक निकाय तथा उपर नियम 4 में शिकायत का निपटारा करते समय प्रसारक को इन बातों का ध्यान रखते हुए परामर्श जारी करना होगा।

परामर्श,चेतावनी,निंदा,फटकार,लगाना तथा जो अनैतिक व्यवहार कर रहा है उस को सूचित किया जाना कि उसके द्वारा की जाने वाली हरकत अमान्य है तथा कानूनी रूप से गलत है, अगर प्रसारक से किसी प्रकार की गलती हो गई है तो उसे उसके लिए क्षमा भी मांगने होगी जो कानूनी रूप से अनिवार्य है।

किसी भी प्रकार की सामग्री के मामले में जहां निकाय इस बात से संतुष्ट होकर विज्ञापन को हटाना हो तथा जो कानून में संशोधन किए गए हैं उनके अनुसार कार्यवाही करने की आवश्यकता दिखाई पड़ती है तो इसे उपयुक्त कार्यवाही के लिए नियम 19 में निरीक्षण तंत्र को विचार करने के लिए केंद्रीय सरकार के सामने प्रस्तुत करना होगा।

संशोधन व निरीक्षण तंत्र।

जून 17/2021, केबल टीवी नेटवर्क संशोधन के अनुसार अगर कोई प्रसारक संशोधन के विरुद्ध जो प्रसारक किसी प्रकार का अनैतिक व्यवहार करता है तो उस पर कार्यवाही करने के लिए सरकार ने कुछ निर्देश जारी किए हैं जो इस प्रकार हैं।

प्रसारक के द्वारा अगर नियमों का पालन नहीं किया जाता तो कार्यप्रणाली उस प्रसारक के खिलाफ शिकायत दर्ज करना तथा उस पर समय अवधि के अनुसार कार्यवाही करना। संशोधन कानून के अनुसार कार्य प्रणाली को शिकायतों कल के लिए एक अंतर विभागीय समिति का गठन करना होगा।

नियम 17 के अधीन स्वयं विनियामक, निकाय के फैसले से होने वाली परिवेदना पत्र , शिकायत या ऐसे किसी और शिकायत की प्राप्ति पर समयावधि के अंदर ही प्रसारक के द्वारा कोई निर्णय न लिया गया हो या कार्यक्रम संहिता तथा विज्ञापन के उल्लंघन में संबंधित संदर्भ जैसे आवश्यक को समझना होगा तथा सरकार द्वारा गठित अंतर समिति के विभागीय अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करना होगा।

प्रसारको को सरकार द्वारा दिए गए कानूनों का ही पालन करना होगा वरना उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी, तथा सरकार द्वारा गठित समिति का यह कार्य होगा कि वह प्रसारक को संशोधन नियम के अनुसार कानूनी रूप से अवगत कराएं तथा उसे उसके कार्यक्रम तथा विज्ञापन जो कि सामाजिक रूप से अनैतिक है उन पर आदेश जारी करें। प्रसारित को इस बात के लिए सूचित किया जाना कि अगर वह केबल टीवी नेटवर्क संशोधन के विरुद्ध जाते हैं तो उनके ऊपर कानूनी रूप से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

सरकार द्वारा गठित किए गए नियमों के पश्चात इन प्रसारक को सरकार द्वारा किए गए संशोधन के अंतर्गत नियम दूसरे के अनुसार 30 दिन के भीतर भीतर सरकार के साथ रजिस्ट्री करनी होगी कानूनी रूप से। परंतु केंद्र सरकार से रजिस्ट्री करने से पहले सभी प्रासारको को उप नियम 2 को अपने नियमों में लागू करना होगा तथा उसके बाद ही सरकार के साथ रजिस्ट्री करने के लिए वह मान्य होंगे।