What is NRC ? | राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर क्या है ?

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर क्या है ?

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर क्या है ? What is NRC? NRC Bill Kya Hai?

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अंदर केवल वह व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा जो 24 मार्च 1971 से पहले भारत मैं आकार शरण ले चुके है। तथा उन्हे अपनी नागरिकता सरकार के सामने साबित करनी पड़ेगी । के वह कब से भारत मैं मैं रह रहे है ।

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर इसकी जरूरत क्यू पड़ी ये क्यू लाया जाएगा ?

आसान शब्दो मैं, इस बात को आपको समझना पड़ेगा, सन 1971 मैं बांग्लादेश की स्थापना हुई। इसका निर्माण होने से पहले बंगालदेश पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था । 3 दिसम्बर 1971 के दोरान भारत और पाकिस्तान के युद्ध की शुरुआत हुई, मुख्य पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान के लोगो के साथ बहुत हे क्रूर तरीके से पूर्वी पाकिस्तान के लोगो को परताड़ित किया करता था ।

जब पूर्वी पाकिस्तान के लोगो ने अपना अलग देश बनाने की बात कही तो पाकिस्तान ने उनके ऊपर हमला कर दिया तथा पूर्वी पाकिस्तान की औरतों के साथ सरे आम बलात्कार किया तथा लोगो को ज़िंदा जला दिया । उसी दोरान पूर्वी पाकिस्तान के लोग भारी संख्या मैं असम की और जाकर शरण ले ली , अनुमान था की करीब 5 करोड़ लोग बंगालदेश के लोग असम मैं घुस आए थे ।

बंगालदेश से भारी संख्या मैं आए हुए लोगो का असम निवासियों ने पुरजोर विरोध किया तथा आंदोलन पर उतर आए उस आंदोलन को असम आंदोलन का नाम दिया गया जिसकी अवधि 1979-1985 तक चली , यह आंदोलन असम के छात्र संगठनो ने शुरू किया था जिसे असम यूनियन का नाम दिया गया

असम समझोता क्या था ? What is Assam Accord?

1985 के दोरान एक समझोता तय किया गया जिसका नाम असम समझोता था, जो बंगालदेश के लोग 24 मार्च 1971 से पहले असम मैं आए है केवल उन्हे ही देश का नागरिक माना जाएगा। लेकिन इस समझोते का सही तरह से पालन नहीं हो पाया। बांग्लादेश के लोग लगातार असम मैं शरण लेते रहे।

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर 2013 क्या था ? What is National Register of Citizenship?

असम समझोते के असफल होने के बाद उच्चतम न्यायलय ने एक फेसला लिया जिसके अंदर यह बात रखी गयी के जो लोग 24 मार्च 1971 से पहले भारत मैं प्रवेश कर चुके है तथा जो असम के मूल निवासी है , उन सबके नाम का एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, तैयार करे जिन जिन लोगो का नाम उस रजिस्टर मैं होगा केवल उसे ही भारत का नागरिक माना जाएगा । इसी आधार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार किया गया।

लेकिन इस रजिस्टर के डाटा मैं काफी सारी गलतिया पायी गयी, इस रजिस्टर के अंतरगर्त लगभग 20 लाख लोगो का नाम इस रजिस्टर मैं नहीं था , जिसमे से लगभग 14 लाख लोग असम के ही मूल निवासी थे तथा 12 लाख लोग हिन्दू धर्मो के लोग थे बाकी बचे हुए अन्य धर्मो के लोग थे ।

इसके बाद भारत सरकार ने नया फेसला लिया तथा असम के लोगो से कहा गया की अगर आप असम की निवासी है तो आपको साबित करना होगा तथा 24 मार्च 1971 के पहले का कोई भी मान्य कागज दिखाना होगा जिस से यह साबित हो सके की आप असम तथा भारत के ही निवासी है।

असम मैं नागरिकता साबित करने के लिए कौन सा दस्तावेज़ मान्य है ?

भाग – 01
आपका नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर 1951 मैं होने का प्रमाण
मतदान सूची तथा मतदान कार्ड
जमीनी दस्तावेज़
नागरिकता प्रमाण
स्थायी पता
शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र
पासपोर्ट वर्ष 1951
जीवन बीमा निगम
सरकारी कार्यकरणी के दस्तावेज़
बैंक खाता
जन्म प्रमाण पत्र
स्कूल के कोई दस्तावेज़ या प्रमाण पत्र
अदालत संबंधी दस्तावेज़ कोई मुकदमा
और कोई भी ऐसा दस्तावेज़ जो आपकी नागरिकता साबित कर सके ।

अगर आप भाग एक मैं अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाते तो आपको भाग 2 भी विकल्प दिया जाएगा

भाग 2 की सूची के अंतर्ग्र्त आप अपने माता पिता के दस्तावेज़ दिखा सकते है ।

माता पिता का जन्म प्रमाण पत्र
माता पिता का स्कूल संबंधी दस्तावेज़
बैंक खाता
मतदान कार्ड
ग्राम पंचायत का दस्तावेज़
भोजन सामाग्री सूची
कोई अन्य दस्तावेज़

इन दोनों भाग के दस्तावेज़ साबित करने के बाद भी आपका नाम नागरिक सूची मैं आपका नाम नहीं आया तो आपको एक ओर विकल्प मिलेगा जिसमे आपको 120 दिन की समय अवधि मिलेगी जिसमे आप अपने दस्तावेज़ उच्चतम न्यायलय मैं जाकर आप अपनी नागरिकता साबित कर सकते है । तथा जो नागरिक अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाये तो सरकार उन्हे नजरबंदी केंद्र मैं डाला जाएगा ।


निष्कर्ष :-

असम मैं एक नजरबंदी केंद्र की लागत थी 46 करोड़ , तथा जब भारत सरकार पूरे भारत मैं इस प्रक्रिया का पालन करेगी तो सरकारी आकड़ों के अनुसार 10 से 12 लाख लोग भारत की नागरिकता साबित नहीं कर पाएगे , तथा उन सब लोगो को नजरबंदी केंद्र मैं रखा जाएगा , आप अनुमान लगा सकते है की असम मैं NRC की प्रक्रिया की लागत 1300 करोड़ थी तथा सरकार पूरे देश मैं इस प्रक्रिया की लागत कितनी होगी।
हमारे अनुसार जो लोग भारत की नागरिकता तथा बंगलादेशी होगे उन्हे उनके देश भेजना एक अच्छा विचार रहेगा ।