
भारतीय सविधान में मौलिक अधिकार का लेखा जोखा , 24 मार्च 1946 को ब्रिटिश सरकार के 3 केबिनेट मंत्रियो का प्रतिनिधि मंडल भारत आया जिसे केबिनेट मिशन का नाम दिया गया। जिसका उद्देश्य भारत के निर्वाचित पर्तिनिधियो व देशी रियासतों के साथ वार्तालाप कर सविधान सभा का गठन करना व अंतिरम सरकार की नीव रखना था।
केबिनेट मिशन योजना के अनुसार जुलाई – अगस्त १९४६ में सविधान सभा के लिए चुनाव हुए जिसमे कांग्रेस के २०८ सदस्य तथा मुस्लिम लीग के ७३ सदस्य तथा आल इंडिया शेडूल कास्ट फेडरेशन का एक सदस्य { डॉक्टर भीम राओ अम्बेडकर तथा अन्य १४ सदस्य कुल २९६ सदस्य सविधान सभा के लिए चुने गये। सविधान के जरुरत क्यों थी भारत को
समाजवादी – उत्पादन तथा वितरण के साधन पूर्णतया या ांशतया राज्य के स्वामित्व अथवा नियंत्रण में होने चाइये। धर्मनिरपेक्ष – वह राज्य है जो धर्म की व्यक्तिगत तथा समवेत आज़ादी प्रदान करता है , सवैधानिक रूप से किसी विशेष से जुड़ा हुआ नहीं है और जो धर्म का न तो प्रचार करता है तथा न ही उसमे हस्तक्षेप करता है।
लोकतान्त्रिक गणराज्य – ऐसा राज्य जिसमे चुने हुए अध्यक्ष तथा जन प्रतिनिधिया की सरकार होती है। प्रतिष्ठा और अवसर की समता – इस समानता में क़ानूनी , सामाजिक , राजनितिक और आर्थिक पहलु शामिल है।
राष्ट्र की एकता और अखंडता – अनुछेद ५१ A के अनुसार सभी नागरिको का कर्तव्य बना दिया गया है की वे भारत की संपुभृता , एकता और अखडण्ता की रक्षा करे और उसमे अक्षुण्ण रखे। भारतीय संविधान में कुल २२ भाग , ३९५ अनुछेद और १२ अनुसूचियाँ है
भारतीय सविधान में मानव अधिकारों की एक झलक समता का अधिकार
अनुछेद 14
विधि के समक्ष समता – भारत के सभी व्यक्तियों को विधि अर्थात कानून के समक्ष समानता तथा सभी कानूनों के समान सरक्षण का अधिकार होगा। अनुछेद 15
धर्म , मूलवंश , जाती , लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेद नहीं – 15 . 1 राज्य , किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म , मूलवंश , जाती , लिंग या जन्मस्थान या इनमे से किसी के आधार पर भेद नहीं करेगा।
15. 2 धर्म जाती , लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति को आयोग्य नहीं ठहराया जाएगा तथा न ही कोई शर्त लगाकर प्रतिबंधित किया जायेगा।
A . दुकान , होटल या अन्य सार्वजानिक स्थानों में प्रवेश करने के लिए B . कुवो , तालाबों , सनान घाटों , सड़को और सार्वजानिक सम्मेलन के स्थान के उपयोगो के लिए।
अनुछेद 15. 3 – राज्य इस्त्री तथा बच्चो से सम्बंधित विशेष कानून बना सकता है
अनुछेद १५. 4 – राज्य , सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिको के कुवह वर्गों के लिए या अनुसूचित जातियों के लिए विशेष कानून बना सकता है।
इसी अनुछेद के अनुसार १५ प्रतिशत अनुसचित जाती , 7 . 5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति तथा 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग को शिक्षण संस्थाओ में प्रवेश के आरक्षण किया गया है।
अनुछेद 15.5 राज्य सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिको के कुछ वर्गो के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष कानून बना सकता है। जो शैक्षणिक संस्थाओ में उनके प्रवेश से सम्बंधित हो , जिसमे अनुछेद 30 खंड 1 की अप्ल्संख्यक संस्थाओ को छोड़कर , निजी शैक्षणिक संस्थाए सम्मिलीत है चाहे राज्य द्वारा अनुदानित या गैर अनुदानित हो।
अनुछेद 15 के खंड 3 ,4 तथा 5 में विभेद न करने के सामान्य सिधान्तो के अनुसार —
ये राज्य को क्रमश : िस्त्रियो तथा बच्चो के लिए सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिको के कुछ वर्गो की उनती के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष उपबंध करने का अधिकार देते है।
इस खंड के अंतर्ग्रत पारित अनुछेद 14 का अतिक्रमण नहीं करेगी।
सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्ठि से पिछड़े वर्गो से आशय। – उच्त्तम न्यायालय के निर्णय के अनुसार पिछड़ेपन का निर्धारण करने के लिए जाती और न ही अकेली निर्धनता की कसौटी होगी।
अनुछेद – 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता —-
अनुछेद 16 . 1 – राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्त के सम्बन्ध में सभी व्यक्तियो को अवसर की समानता होगी
अनुछेद 16 . 2 – राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन नियुक्त के सम्बन्ध में धर्म , मूलवंश , जाती , लिंग या जन्मस्थान या इनमे से किसी आधार पर भेद नहीं करेगा।
अनुछेद 16 . 3 – के अंतर्ग्रत संसद को सीमा तक कानून बनाने होगा , जो अनुछेद 16 के खंड 1 तथा 2 के प्रतिपादित सामान्य सिधान्तो को लागू करने के लिए आवश्यक हो।
अनुछेद 16 . 4 – राज्य को , नागरिको के किसी पिछड़े वर्ग के लिए नियुक्तो या पदों के आरक्षण के लिए विशेष कानून बनाने का अधिकार है।
A . राज्य को अनुसचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए पदों पर पद्दोनीत के मामले में आरक्षण के लिए विशेष कानून बनाने का अधिकार है। जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राये में , राज्य के अधीन सेवाओं में प्रयास नहीं है।
B . राज्य अनुछेद 16. 4 a के अधीन किये गए आरक्षण के लिए किसी वर्ष में न भरी गयी ऐसी रिक्तियों को जो आरक्षित है किसी आगामी वर्ष में निरस्त्र नहीं की जाएगी तथा ऐसे वर्ग की रिक्तिया आगामी वर्ष की रिक्तियों के साथ जोड़कर भरी जाएगी। ऐसी िस्थि में उस वर्ष की रिक्तियों की कुल संख्या के सम्बन्ध में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा की अवधारणा पर विचार नहीं किया जाएगा।
अनुछेद 16 . 5 – किसी धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था के कार्य से सम्बंधित कोई पद धारी या उसके शशि निकाय का कोई सदस्य किसी विशिष्ट धर्म का मान ने वाला ही बन सकेगा।
अनुछेद 17 . -छुवाछुत का अंत किया है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषेद किया जाता है। यदि इसका आचरण किया जायेगा तो विधि अर्थात कानून के अनुसार दण्डनीये अपराध माना जाएगा।
अनुछेद 18 . – उपाधियों का अंत —–
1 . राज्य , सेना या शिक्षा सम्बन्धी समान के सिवाए और कोई उपाधि प्रदान नहीं करेगा।
2 . भारत का कोई नागरिक राष्ट्रयपति की अनुमति के बिना किसी विदेशी राज्य से कोई उपाधि स्वीकार नहीं करेगा।
3. कोई विदेशी व्यक्ति , राष्ट्रयपति की अनुमति के बिना भारत में नौकरी या लाभ के पद को स्वीकार नहीं करेगा।
4. राज्य के अधीन पद धारण करने वाला कोई व्यक्ति राष्ट्यापति की अनुमति के बिना विदेसी भेट , उपहार , उपलब्धि या पद स्वीकार नहीं करेगा।
विशेष – भारत रत्न व पद्म पुरुस्कार ( पद्मम विभूषण , पद्मम भूषण , पद्मम श्री , उपाधिया न होकर सम्मान है।
आज़ादी का अधिकार
अनुछेद 19 . भाषण / विचार – अभिव्क्ति की आज़ादी विषयक कुछ अधिकारों का सरक्षण
1 . सभी नागरिको को ये सब अधिकार मिलेंगे –
a . विचार – अभिव्क्ति की आज़ादी का अधिकार
b . बिना हतियारो के शांतिपूर्वक सम्मेलन ( सार्वजिनक सभाये , प्रदर्शन , जुलुस , निकालने का अधिकार।
c . संगम या संघ या सहकारी सीमति ( क्लब , संगठन , साझेदारी , फर्म , कम्पनिया , मजदूर संघ बनाने का अधिकार।
d . भारत में सवत्र आने जाने का अधिकार।
e . भारत में किसी भी भाग में निवास करने और बस जाने का अधिकार।
f. सम्पति की आज़ादी वर्तमान में क़ानूनी अधिकार 44 वे संविधान संशोधन 1978 द्वारा मूल अधिकार से हटाकर अनु। 300 a के अन्तगर्त क़ानूनी अधिकार बना दिया गया है जो दिनांक – 20-06 -1979 से प्रभावी है
g . कोई पेशा उपजीविका , व्यापार या कारोबार करने का अधिकार संविधान में प्रेस की आज़ादी का विशित रूप से उल्लेख नहीं है किन्तु उच्चतम न्यालय के अनुसार यह अधिकार विचार , अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार में समिलित्त है।
2 . राज्य , राज्य की सुरक्षा , विदेसी , विदेशो के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धो , सार्वजानिक व्यवस्था , शिस्टाचार , और सदाचार , न्यालय की अवमानना , मानहानि , अपराधों में कमी और देश की संपुभृता तथा अखंडता के हितो की सुरक्षा के लिए उचित सीमाओं या प्रतिबंध लगाने क्व लिए कानून बना सकता है।
3 . राज्य , कानून और व्यवस्था बनाये रखने हेतु सभा पर रोक लगा सकता है जैसे CRPC की धारा 144 के अनुसार 4 या 4 से अधिक लोग इक्खट्टा नहीं हो सकते।
4 . राज्य , देश की अखंडता व सुरक्षा या सार्वजानिक व्यवस्था के लिए संस्थाओ पर प्रतिबंध लगा सकता है जैसे , उफ्ला , सिमी , लिट्ये।
5 . राज्य , जनसाधारण के हितो की रक्षा के लिए भर्मण ओर निवास की आज़ादी पर प्रतिबंध लगा सकता है जैसे – अनुसूचित जनजाति क्षेत्र।
6 . राज्य , जनसाधारण के हितो की रक्षा के लिए व्यापार और वाणियजा की आज़ादी पर प्रतिबंध लगा सकता है जैसे – नशीली दवाओ या शराब या खतरनाक वस्तुओ की खरीद बिक्री पर रोक लगाना।
अनुछेद 20 – अपराधों के लिए दोषसिद्धि के सम्बन्ध में सरक्षण :—
1 . किसी व्यक्ति को अपराध के लिए तब तक सिद्धदोष नहीं ठहराया जायेगा जब तक की उसके किसी कार्य से कानून का उल्ल्घन न हुआ हो तथा उसके ऊपर अपराध करने पर वह कानून के अधीन दी गयी सजा से अधिक का भागी नहीं होगा।
2. किसी व्यक्ति को ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित और दण्डित नहीं किया जायेगा।
3. किसी अपराध के लिए अभियुक्त किसी व्यक्ति को स्वयं अपने विरुद्ध साक्षी होने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।
अनुछेद 21 – प्राण और दैहिक आज़ादी का सरक्षण :—
1. किसी व्यक्ति को विधि अर्थात कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के आलावा उसके जीवन या उसकी व्यक्तिगत आज़ादी से वंचित नहीं किया जाएगा।
a . शिक्षा का अधिकार – राज्य , 6 से 14 वर्ष तक की आयु वाले सभी बालको को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने सम्बन्धी कानून बनाएगा ( 86 संविधान संशोधन 2002 , 01 अप्रैल , 2010 से प्रभावी )
यह अनुछेद सबसे व्यापक है जिसमे विभिन प्रकार के 60 से अधिक अधिकार आते है , जैसे – जल्दी सुनवाई , शुद्ध जल और हवा , सुखमय नींद और एकांतवास या निजता का अधिकार आदि है।
अनुछेद 22 . गिरफ़्तारी तथा निरोध से सरक्षण —
इस अनुछेद के खंड 1 तथा 2 में निर्धारित किया गया है की किसी व्यक्ति को , जिसे गिरफ्तार किया गया हो , ऐसी गिरफ़्तारी के कारणों से अवगत कराये बिना हिरासत में नहीं रखा जायेगा। उसे वकील से परमर्श करने और बचाव करने के अधिकार से वंचित नहीं रखा जायेगा और उसे 24 घण्टे के अंदर निकटतम मजिस्ट्रट के समक्ष पेश किया जायेगा।
3. खंड 1 और 2 की कोई भी बात शत्रु व निवारक कानून पर लागू नहीं होगी।
4 . कीसी भी व्यक्ति को ३ माह से अधिक अवधि के लिए तब तक हिरसत में नहीं रखा जा सकता तब तक की –
a. उच्च न्यालय के न्यायाधीश या उसकी योग्यता रखने वाले सलाहकार बोर्ड द्वारा ३ माह की समाप्ति से पहले यह प्रतिवेद्दन नहीं दिया है की उसकी राये में हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त कारण है।
b. ऐसे वयक्ति को खंड 7 a तथा b के अधीन संसद द्वारा बनायीं गयी विधि के उपबंधों के अधीन हिरासत में नहीं लिया गया हो।
5. परधिकारी जब किसी व्यक्ति को हिरसत में रखने काआदेश करेगा तो यथाशीघ्र उस वयक्ति को यह सूचित करेगा की वह आदेश किन आधारों पर किया गया है और आदेश के विरुद्ध अपन पक्ष रखने का यथाशीघ्र अवसर देगा।
6 . खंड 5 के आदेश में परधिकारी लोकहित में समझाता है तो तथ्यों को प्रकट करना आवश्यक नहीं होगा।
7 . संसद , व्यक्ति को ३ माह से अधिक हिरसत में रखने के लिए कानून बना सकती है।
निवारक निषेद अधिनियम – आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम , राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम ( NSA ) आतंककारी और विध्व्हांसकरि गतिविधिया निरोधक अधिनियम ( टाडा) , आतंककारी रोकथाम अधिनियम ( POTA ) गैर क़ानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम।
अनुछेद 23 . मानव के दुर्यापार और बलात्श्रम का निषिद्द —
1 . मानव का दुवाय्पार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात्श्रम निषेध किया जाता है और कानून का उल्ल्घन अपराध होगा , जो दण्डनीय होगा।
2 . इस अनुछेद की कोई भी बात राज्य को सार्वजानिक उदेशो के लिए अनिवार्य सेवा पर लागू नहीं होगी। ऐसी सेवा में राज्य , धर्म , मूलवंश , जाती , लिंग या जन्मस्थान या इनमे से किसी के आधार पर भेद नहीं करेगा
अनुछेद 24 . कारखानों आदि में बालको के नियोजन पर निषेध – 14 वर्ष से काम आयु के किसी बालक को किसी कारखानों या खनन या अन्य किसी संकटमय कार्यो में नहीं लगाया जायेगा।
अनुछेद 25 . अंत – करण की और धर्म के आबद्ध रूप में मानने आचरण और प्रचार करने की आज़ादी।
1 . सभी वयक्तियो को पूर्ण रूप से आंतरिक आज़ादी और धर्म के आबद्ध रूप से मान ने आचरण करने और प्रचार करने का बराबर का हक़ होगा किन्तु धार्मिक आज़ादी का यह अधिकार सार्वजिनक व्यथा , सदाचार और स्वस्थ के अधीन है।
2 . खंड ए और खंड B राज्य , धार्मिक आचरण से जुडी किसी आर्थिक वित्तीय राजनैतिक या अन्य धर्मनिरपेक्ष किर्याकलाप को कानून बनाकर , विनियमित करेगा और समाज कलयाण तथा सुधार के लिए हिन्दू मन्दिरो आदि को हिन्दुओ के सभी वर्गों के लिए खोलने के लिए कानून बनाएगा। कृपाण धारण करना और लेकर चलना , सिख धर्म के मानने का अंग समझा जायेगा और इस अनुछेद के अंतरगर्त हिन्दुओ या उसकी धार्मिक संस्थाओ के प्रति निर्देश का यह अर्थ लगाया जायेगा की उसके अंतरगर्त सिख , जेन , या बौद्ध धर्म के मानने वाले वयक्तियो या संथाओ के प्रति निर्देश है।
उच्तम न्यालय के अनुसार – धर्म का प्रचार करने का अधिकार में बालत धर्म परिवर्तन का कोई अधिकार शामिल नहीं है।
अनुछेद 26 . धार्मिक कार्यो के प्रबंध की आज़ादी – सार्वजानिक व्यवस्था , सदाचार और स्वास्थ के अधीन रहते हुए प्र्तेक धार्मिक सम्प्रदय या उसके किसी भाग को निम्नलिखित अधिकार होंगे –
a . धार्मिक और पुण्यार्थ कार्यो के लिए संस्थाओ की स्थापना तथा सञ्चालन करना।
b . अपने धर्म मामलो का प्रबंध करना।
c . चल व अचल सम्पति को अर्जित व स्वामित्व करना।
d . ऐसी सम्पति का कानून के अनुसार प्रशाशन करना।
अनुछेद 27 . – किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करो के भुगतान के बारे में आज़ादी –
किसी भी वयक्ति को किसी विशिस्ट धर्म या धार्मिक सम्प्रदाय के उठान या सञ्चालन में होने वाले खर्चो के लिए कोई कर का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा। राज्य कर के रूप में एकत्रित राशि को किसी धर्म के उठान में नहीं लगाएगा।
अनुछेद 30 . – शिक्षा संस्थाओ की स्थापना और प्रशाशन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार –
1 . धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रूचि की शिक्षा संस्थाओ की स्थापना और प्रशाशन का अधिकार होगा।
2 . राज्य शिक्षण संस्थाओ को सहायता देने में इस आधार पर भेद नहीं करेगा की वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अप्ल्संख्यक वर्ग द्वारा संचालित है।
viagra who accept mastercard viagra from canada paypal generic viagra
best ed medication online pharmacy viagra ed pills online
indian pharmacy online canadian pharmacy best drugstore foundation
online pharmacy drugstore best drugstore highlighter best drugstore eye cream
canada pharmacy best drugstore eyeliner canadian pharmacy viagra
24 hour pharmacy online pharmacy reviews dysfunction
best drug store mascara best erectile dysfunction pills thrifty drug store
canada pharmacy online http://pharmacy-onlineasxs.com/ online drugstore